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तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार के पायी जाती है ! श्याम तुलसी, राम तुलसी, श्वेत/विश्नू तुलसी, वन तुलसी, और नींबू तुलसी । पंच तुलसी
इन पांच प्रकार की तुलसी का एक विशेष विधि द्वारा अर्क निकालकर पंच तुलसी अर्क का निर्माण किया गया है ।
यह संसार की एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट , एंटी- बैक्टीरियल, एंटी- वायरल , एंटी- फ्लू, एंटी- बायोटिक , एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी – डिजीज है 1) तुलसी अर्क के एक बून्द एक ग्लास पानी में या दो बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे पेयजल विष् और रोगाणुओं से मुक्त होकर स्वास्थवर्धक पेय हो जाता है
भागदौड़ भरी ज़िंदगी मे बीमारियो की भरमार से बचे तुलसी रस का सेवन करें ओर इमुनिटी बढ़ाये रोग भगाये 200 से भी अधिक रोगो मे लाभकारी
जैसे -
खांसी नजला जुकाम बुखार फ्लू , डेंगू , प्लेग, मलेरिया , जोड़ो का दर्द, मोटापा, ब्लड प्रेशर , शुगर, एलर्जी , पेट के कीड़ो , हेपेटाइटिस , जलन, मूत्र सम्बन्धी रोग, गठिया , दम, मरोड़, बवासीर , अतिसार, आँख का दर्द, दाद खाज खुजली, सर दर्द, पायरिया नकसीर, फेफड़ो सूजन, अल्सर , वीर्य की कमी, हार्ट ब्लोकेज आदि मे लाभकारी हैं यह खांसी, ब्रोंकाइटिस और पुराने अस्थमा के प्रभाव को भी कम करने मे लाभकारी हैं। यह उन लोगों के लिए भी प्रभावी है जो धूम्रपान और तंबाकू छोड़ना चाहते हैं।